दैनिक जनवार्ता डेस्क
शिमला। हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सुक्खू सरकार प्रयासरत है। इसके लिए कई तरह के कड़े फैसले लिए गए, जिसके एवज में सरकार को आलोचना भी झेलनी पड़ रही है।
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इसी पहल के तहत विद्युत बोर्ड की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए बीते दिनों विद्युत सबसीडी छोड़ने की भी सरकार ने अपील की थी। मुख्यमंत्री सुक्खू ने खुद पांच विद्युत मीटरों की सबसीडी छोड़ी। उनका अनुसरण करते हुए मंत्रियों और विधायकों ने भी विद्युत सबसीडी छोड़ने का फैसला लिया था।
इसके अतिरिक्त एक जनवरी 2025 से राजपत्रित अधिकारियों की विद्युत सबसीडी समाप्त करने का राज्य सरकार ने फैसला किया था। इससे पूर्व इन अधिकारियों को भी 125 यूनिट प्रतिमाह मुफ्त बिजली की सुविधा दी जा रही थी। फ़रवरी माह से इनके विद्युत बिल बिना सबसीडी के जारी किए जाएंगे।
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हालांकि, राज्य बिजली बोर्ड को इन सभी उपभोक्ताओं का पूरा विवरण नहीं मिल पाया है। इनकी राज्य में कितनी संख्या है, जिनको बिना सबसीडी के विद्युत बिल जारी किए जाने हैं। लिहाजा, सभी सरकारी विभागों से इस बारे में अधिकारियों के आंकड़े मांगे गए हैं।
बहरहाल, इस सभी उपायों के बावजूद राज्य बिजली बोर्ड की आर्थिक स्थिति में गुनात्मक सुधार होने की पूरी उम्मीद है। वहीं, प्रदेश सरकार ने आम उपभोक्ताओं को मिलने वाली 125 यूनिट फ्री बिजली की सुविधा जारी रखने का भी निर्णय लिया है। इसके लिए विद्युत उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी प्रक्रिया चल रही है।