त्रिलोकपुर में सहकारी बैंक का वित्तीय साक्षरता शिविर | 7 Powerful Schemes Explained for Rural Empowerment

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वित्तीय साक्षरता दिवस के मौके पर जागरूकता शिविर के दौरान ग्रामीण और बैंक अधिकारी : दैनिक जनवार्ता

त्रिलोकपुर में सहकारी बैंक ने आयोजित किया वित्तीय साक्षरता शिविर, ग्रामीणों को योजनाओं की जानकारी

कालाअंब (सिरमौर)। ग्राम पंचायत भवन त्रिलोकपुर में हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक की त्रिलोकपुर शाखा की ओर से नाबार्ड के सहयोग से वित्तीय साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस एक दिवसीय शिविर का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं और युवाओं को केंद्र व राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं तथा डिजिटल बैंकिंग सेवाओं के बारे में जागरूक करना रहा।

शिविर की अध्यक्षता शाखा प्रबंधक विशाल तोमर ने की। उन्होंने उपस्थित ग्रामीणों को विस्तार से समझाया कि सरकार और बैंकिंग संस्थाओं द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ कैसे उठाया जा सकता है।

ग्रामीणों को दी योजनाओं की विस्तृत जानकारी

वित्तीय साक्षरता शिविर में सबसे पहले प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना और प्रधानमंत्री जन-धन योजना जैसी प्रमुख योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। शाखा प्रबंधक ने समझाया कि इन योजनाओं से न केवल व्यक्ति को सुरक्षा मिलती है बल्कि परिवार को भी भविष्य में आर्थिक सहयोग मिलता है।

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इसके अलावा बैंक द्वारा चलाई जा रही विशेष बचत और ऋण योजनाओं के बारे में भी विस्तार से बताया गया। इनमें महिला सशक्तिकरण ऋण योजना, छात्रों के लिए सपनों का संचय योजना, पीआईजीएमवाई बचत योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, हिम स्वरोजगार क्रेडिट कार्ड, संयुक्त देयता समूह (JLG), स्वयं सहायता समूह (SHG), गृह ऋण और विभिन्न बीमा योजनाएं शामिल रहीं।

ग्रामीणों ने इन योजनाओं में गहरी रुचि दिखाई और कई लोगों ने मौके पर ही बैंक अधिकारियों से सवाल पूछकर अपनी शंकाओं का समाधान किया।

डिजिटल बैंकिंग की जानकारी भी दी गई

शाखा प्रबंधक विशाल तोमर ने ग्रामीणों को डिजिटल बैंकिंग के महत्व से भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि मोबाइल बैंकिंग, एटीएम और इंटरनेट बैंकिंग जैसी सेवाओं से समय और धन की बचत होती है। हालांकि, उन्होंने ग्रामीणों को चेतावनी भी दी कि अपनी एटीएम पिन, ओटीपी और अन्य गोपनीय जानकारी किसी के साथ साझा न करें।

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उन्होंने कहा कि आज के दौर में डिजिटल लेन-देन आसान तो है, लेकिन यदि सुरक्षा का ध्यान न रखा जाए तो धोखाधड़ी का शिकार भी होना पड़ सकता है। इसलिए हर ग्राहक को सतर्क रहते हुए डिजिटल सेवाओं का लाभ उठाना चाहिए।

ग्रामीणों ने दिखाया उत्साह

इस वित्तीय साक्षरता शिविर में पंचायत वार्ड सदस्य भूपेंदर सिंह, करण सिंह, सत राम, ओमप्रकाश, सोहन सिंह, रोशन लाल, सुरेंदर, मोहम्मद आलम, सीमा शर्मा, नेहा, सुमन, राधा, गुलशन, इस्लाम, नरेश कुमार सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

ग्रामीणों ने कहा कि ऐसे शिविरों से उन्हें नई योजनाओं और डिजिटल बैंकिंग की सुविधाओं के बारे में सही जानकारी मिलती है। खासकर महिलाओं और युवाओं के लिए यह जानकारी बहुत उपयोगी है क्योंकि वे अब बैंकिंग सेवाओं का लाभ सीधे उठा सकते हैं।

सहकारी बैंक से जुड़ने का आग्रह

कार्यक्रम के समापन पर शाखा प्रबंधक विशाल तोमर ने उपस्थित ग्रामीणों से सहकारी बैंक से जुड़ने और उसकी योजनाओं का लाभ लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंक हमेशा ग्रामीणों के हित में काम करता है और उनकी आर्थिक प्रगति के लिए विशेष योजनाएं लाता है।

उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में अधिक से अधिक लोग इन योजनाओं से जुड़ेंगे और डिजिटल बैंकिंग का उपयोग करके अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाएंगे।

वित्तीय साक्षरता शिविर का महत्व

आज के समय में वित्तीय साक्षरता शिविर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अत्यंत आवश्यक हो गए हैं। ऐसे शिविर लोगों को न केवल बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ते हैं बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और जागरूक भी बनाते हैं। खासकर महिलाओं, किसानों और युवाओं को यदि समय-समय पर वित्तीय जानकारी दी जाए तो वे सही निर्णय लेकर अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं।

नाबार्ड और सहकारी बैंक जैसी संस्थाएं इस दिशा में निरंतर प्रयास कर रही हैं। त्रिलोकपुर में आयोजित यह शिविर इसी प्रयास का हिस्सा था, जिससे ग्रामीणों को वित्तीय सशक्तिकरण की दिशा में प्रेरित किया गया।

निष्कर्ष
त्रिलोकपुर में आयोजित इस वित्तीय साक्षरता शिविर ने यह साबित किया कि ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी यदि सही जानकारी और मार्गदर्शन प्राप्त करें तो वे हर योजना और डिजिटल सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। सहकारी बैंक और नाबार्ड के संयुक्त प्रयास से भविष्य में ऐसे और शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिससे हिमाचल प्रदेश के ग्रामीणों को आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाया जा सके।

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