कालाअंब (सिरमौर)। चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध शक्ति पीठ माता बाला सुंदरी मंदिर त्रिलोकपुर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। सप्तमी के दिन 4 अप्रैल को 30,000 से अधिक भक्तों ने माता के दरबार में शीश नवाया और माता का आशीर्वाद प्राप्त किया।
दूर दराज से श्रद्धालु एक दिन पहले ही त्रिलोकपुर पहुंच गए थे, जिससे मंदिर परिसर में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली। भक्तगण मध्यरात्रि से ही दर्शन के लिए लंबी कतारों में लग गए थे और माता के जयकारों से मंदिर परिसर को गुंजायमान कर दिया।
श्रद्धालुओं ने किया भजन-कीर्तन, शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए दर्शन
सुबह मंदिर के कपाट खुलते ही भक्तों ने माता के दर्शन किए। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भजन-कीर्तन कर माहौल को भक्तिमय बना दिया। मंदिर प्रशासन द्वारा दर्शन व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे।
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मेला अधिकारी एवं तहसीलदार नाहन उपेन्द्र कुमार ने बताया कि चैत्र नवरात्रि मेले के छठे दिन (सप्तमी) 30 हजार श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पहुंचे। इस दौरान मंदिर न्यास को 14,85,096 रुपये का चढ़ावा प्राप्त हुआ।
शांति और सुव्यवस्था के साथ संपन्न हुआ मेला
मंदिर परिसर और मेले की व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए प्रशासन द्वारा विशेष प्रबंध किए गए। पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
नवरात्रि मेले में श्रद्धालुओं का बढ़ता रुझान
हर साल नवरात्रि मेले के दौरान त्रिलोकपुर मंदिर में लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन द्वारा भक्तों की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए जाते हैं।
आगामी अष्टमी और नवमी के दिन भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की संभावना है, जिसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने अतिरिक्त व्यवस्थाएँ लागू करने की योजना बनाई है।
महत्वपूर्ण बातें:
सप्तमी के दिन 30,000 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन।
माता बाला सुंदरी मंदिर न्यास को 14,85,096 रुपये का चढ़ावा प्राप्त।
सुरक्षा और व्यवस्था के कड़े प्रबंध, श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाएँ।
भजन-कीर्तन और जयकारों से भक्तिमय हुआ मंदिर परिसर।
अष्टमी और नवमी को भी भारी भीड़ की संभावना।
त्रिलोकपुर नवरात्रि मेले की यह पावन बेला भक्तों के लिए आध्यात्मिक और धार्मिक अनुभूति से परिपूर्ण रही। माता बाला सुंदरी के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु अपनी आस्था और श्रद्धा के साथ मंदिर में माथा टेकते हैं, जिससे यह स्थान श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है।