कालाअंब (सिरमौर)। जिला सिरमौर के प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता बाला सुंदरी मंदिर, त्रिलोकपुर में चैत्र मास नवरात्रि मेला आज से शुरू हो गया है। 15 दिवसीय इस मेले में हजारों श्रद्धालु माता के दर्शन करने आते हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए माता बाला सुंदरी मंदिर न्यास समिति और जिला प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं।
प्रमुख व्यवस्थाएं:
विशेष पार्किंग सुविधा: श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए मंदिर न्यास द्वारा अलग से पार्किंग क्षेत्र बनाया गया है, जिससे श्रद्धालु अपने वाहन सुरक्षित रूप से खड़ा कर सकें।
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बेहतर भीड़ नियंत्रण: ध्यानु भक्त मंदिर से माता बाला सुंदरी मंदिर के प्रवेश द्वार तक बैरिकेडिंग की गई है, ताकि श्रद्धालुओं की भीड़ को सुचारू रूप से नियंत्रित किया जा सके।
मार्ग विभाजन: श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मुख्य मार्ग को दो भागों में विभाजित किया गया है, जिससे मंदिर में प्रवेश और निकासी आसान हो सके।
जल आपूर्ति: मेला क्षेत्र में पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जलशक्ति विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा: कमजोर व वृद्ध श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य आपात स्थितियों को देखते हुए प्राथमिक उपचार केंद्र और एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है।
मांगलिक कार्यों की सुविधा: मंदिर परिसर में हवन, कंजक पूजन और मुंडन संस्कार के लिए विशेष स्थान बनाए गए हैं।
मंदिर के कपाट खुलने और बंद होने का समय:
मेला अधिकारी एवं तहसीलदार नाहन उपेंद्र कुमार ने बताया कि माता बाला सुंदरी मंदिर के कपाट प्रतिदिन प्रातः 4:00 बजे खुलेंगे। बंद होने का समय श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए तय किया जाएगा। आवश्यकतानुसार समय में परिवर्तन भी संभव है।
मुख्य आरती की परंपरा:
मेले के दौरान सुबह और शाम की आरती की रस्म पुश्तेनी भक्त परिवार द्वारा निभाई जाएगी। भक्त परिवार के सदस्य राजेश गुप्ता उर्फ बिट्टू ने बताया कि उनका परिवार वर्षों से इस परंपरा का निर्वहन कर रहा है।
त्रिलोकपुर कैसे पहुंचे:
त्रिलोकपुर मंदिर सिरमौर जिले में स्थित है और कालाअंब से मात्र 6 किलोमीटर की दूरी पर है। अन्य शहरों से दूरी इस प्रकार है:
चंडीगढ़ से: 76 किलोमीटर
अंबाला से: 51 किलोमीटर
यमुनानगर से: 65 किलोमीटर
देहरादून से: 116 किलोमीटर (पांवटा साहिब और नाहन के रास्ते)
श्रद्धालुओं से अपील:
मेला अधिकारी ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे प्रशासन द्वारा दी गई गाइडलाइंस का पालन करें और मंदिर प्रबंधन को मेला सफलतापूर्वक संचालित करने में सहयोग दें।



