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शिमला। हिमालयन एप्पल ग्रोवर्स सोसायटी के बैनर तले देशभर के सेब उत्पादकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से उनके कार्यालय में मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने तुर्की से बढ़ते सेब आयात को लेकर गहरी चिंता जताई और इसे भारत की आर्थिकी और सुरक्षा के लिए खतरनाक बताया।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि तुर्की से आने वाले सस्ते और सरकारी सब्सिडी युक्त सेब भारतीय बागवानों को गहरा आर्थिक नुकसान पहुँचा रहे हैं। कई किसानों को उनकी फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा, जिससे सेब उगाने वाले पहाड़ी राज्यों के लाखों किसान संकट में हैं।
सोसायटी के अध्यक्ष राजेश धानटा ने कहा कि यह केवल एक आर्थिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह किसानों की गरिमा, आत्मनिर्भर भारत और पहाड़ी राज्यों की आजीविका से जुड़ा सवाल है। उन्होंने यह भी उजागर किया कि तुर्की, जो पाकिस्तान को सैन्य सहायता और रक्षा उपकरण मुहैया कराता है, उससे व्यापार करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद चिंताजनक है।
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए यह पाँच प्रमुख मांगें रखीं:
तुर्की से सेब के आयात पर तत्काल पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।
अन्य देशों से सेब आयात पर न्यूनतम आयात मूल्य (Minimum Import Price) की सीमा बढ़ाई जाए।
आयातित सेबों पर गुणवत्ता और पादप स्वच्छता (Plant Quarantine) मानकों को सख्ती से लागू किया जाए, ताकि कोई भी विदेशी रोग या विषाणु भारत में प्रवेश न कर सके।
मंत्री पीयूष गोयल ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाएगी।
सेब उत्पादकों की यह पहल आने वाले समय में भारत की आयात नीतियों और किसान कल्याण नीति पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।