ऊना। हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के सबसे बड़े क्षेत्रीय अस्पताल में यूरोलॉजिस्ट जैसे विशेषज्ञ डॉक्टर की कमी लोगों के लिए बड़ी चिंता का विषय बन चुकी है। खासकर बुजुर्ग मरीजों को इस समस्या के चलते सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें स्थानीय उपचार न मिल पाने की स्थिति में चंडीगढ़ के पीजीआई या फिर पंजाब के निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है, जिससे न केवल समय और धन की बर्बादी होती है, बल्कि मानसिक तनाव भी बढ़ता है।
प्रदेश सरकार ने भले ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ऊना में आधुनिक सुविधाओं से युक्त अस्पताल भवन का निर्माण करवाया हो, लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती न होने के कारण यह अस्पताल अब केवल एक इमारत बनकर रह गया है।
वरिष्ठ नागरिक फोरम ऊना इस समस्या को लेकर लंबे समय से आवाज उठा रहा है। फोरम के अध्यक्ष जीआर वर्मा का कहना है कि यूरोलॉजिस्ट की सबसे अधिक आवश्यकता बुजुर्गों को होती है और इस उम्र में लंबी यात्राएं करना बेहद कठिन हो जाता है। उन्होंने बताया कि कई बार विभागीय अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं, लेकिन आश्वासन के अलावा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
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डॉ संजय मनकोटिया, चिकित्सा अधीक्षक, क्षेत्रीय अस्पताल ऊना ने बताया कि यूरोलॉजिस्ट की सुविधा फिलहाल मेडिकल कॉलेज में ही उपलब्ध है और ऊना अस्पताल में इस पद को भरने की मांग को कई बार उच्च अधिकारियों के समक्ष रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस पर निर्णय अब स्वास्थ्य विभाग के उच्च स्तर पर ही लिया जाएगा।
वरिष्ठ नागरिक फोरम ने यह भी आग्रह किया है कि सरकार को समय के साथ स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा बढ़ाना चाहिए ताकि लोगों को अपने जिले में ही जरूरी उपचार मिल सके और उन्हें बाहर के अस्पतालों की ओर न भागना पड़े।
इस मामले को लेकर जनता में रोष भी बढ़ता जा रहा है और स्थानीय प्रशासन तथा सरकार से शीघ्र कार्रवाई की अपेक्षा की जा रही है।