शिमला, हिमाचल प्रदेश।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत वोकेशनल शिक्षक सरकार और निजी कंपनियों की कार्यप्रणाली के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए राजधानी शिमला के चौड़ा मैदान में अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन पर बैठे हैं। यह विरोध प्रदर्शन 1 अप्रैल 2025 से जारी है और इसमें प्रदेशभर के 2174 वोकेशनल शिक्षक भाग ले रहे हैं।
शिक्षकों की प्रमुख मांगें निजी कंपनियों के अधीन कार्य न करना और सरकार से सीधी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने को लेकर हैं। व्यावसायिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी डटवालिया ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब तक सरकार सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को बाहर नहीं निकालती, तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी।
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मंगलवार को स्थिति उस वक्त तनावपूर्ण हो गई जब प्रशासन की ओर से पुलिस मौके पर पहुंची और शिक्षकों को सड़क की सफेद पट्टी के भीतर धरना देने के निर्देश दिए गए। पुलिस का तर्क था कि रात को सड़क पर सोने से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है, इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाया गया।
शिक्षकों का कहना है कि निजी कंपनियों द्वारा बार-बार सेवा विस्तार के नाम पर शोषण किया जा रहा है। उन्होंने कंपनियों के सेवा विस्तार पत्र पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया है। इसके विरोधस्वरूप उन्होंने कक्षाओं का बहिष्कार भी शुरू कर दिया है।
धरने के लिए शिक्षकों ने 10 अप्रैल तक प्रशासन से अनुमति ली है और यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस पूरे आंदोलन को प्रदेशभर में शिक्षकों से समर्थन मिल रहा है और सोशल मीडिया के माध्यम से भी इसका प्रचार-प्रसार तेजी से हो रहा है।