दैनिक जनवार्ता नेटवर्क
नई दिल्ली। अमेरिका से डिपोर्ट हुए भारतीयों ने चौँकाने वाले खुलासे किए हैं। अमेरिका से डिपोर्ट होने के बाद अमृतसर हवाई अड्डे पर पहुँचने के बाद डिपोर्ट हुए लोगों का दर्द छलका। उन्होंने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
डिपोर्ट हुए अधिकतर युवक पंजाब राज्य के विभिन्न इलाकों के हैं। कुछ युवक हिमाचल प्रदेश के भी शामिल हैं। युवकों के मुताबिक उन्हें सीधे अमेरिका भेजने का एजेंटों ने झांसा दिया और मोटी रकम ऐंठी गई।
उन्होंने बताया कि उन्हें वैध तरीके से नहीं भेजा गया, जबकि उनसे रकम वैध तरीके से सीधे तौर पर भेजने के एवज में ली गई। इसके लिए 45 से 60 लाख रूपये तक ऐंठ लिए गए। एजेंटों की धोखाधड़ी का शिकार होने के बाद अब लाखों का कर्ज चढ़ गया है।
उन्होंने बताया कि उन्हें उन देशों में भेजा गया जिनका वीसा आसानी से मिल जाता है। वहाँ से आगे का सफर अवैध रूप से कभी बोट या नाव से या फिर जंगल खाई और उबड़ खाबड़ रास्तों से होकर शुरू हुआ। इस दौरान कई चौकाने वाली बातों का पता भी चला। इतना समझ में आ गया कि डंकी रुट से जाना बहुत जोखिमपूर्ण है।
पनामा के जंगल के रास्ते में कई जगह लोगों की लाशें और कंकाल भी मिले। बताया गया कि जो लोग बीच रास्ते में जख़्मी या बीमार हो जाते हैं उन्हें मरने के लिए अकेला छोड़ दिया जाता है। खाने के लिए कुछ चिप्स, चावल और पानी ही दिया जाता है। अन्यथा कई कई दिन भूखा ही रहना पड़ता है।
लिहाजा, अमेरिका में डॉलर कमाने का सपना संजोए लाखों का कर्ज उठाकर गए युवकों ने अमेरिका से डिपोर्ट होने के बाद सरकार से मांग की है तथाकथित ट्रेवल एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। युवकों को मौत के मुंह में धकेलने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।